महीसागर पुत्र
मंगलश्र्लोक
गुरुवार, 24 मार्च 2011
मंगलश्र्लोक
वसुदेवसुतं देवं कंसचाणुर्मर्दनम् ।
देवकीपरमानंदं कृष्णं वंदे जगद्गुरुम् ।।
नई पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
संदेश (Atom)